स्वप्न मेरे: घर मेरा मेरी जियारत

बुधवार, 31 दिसंबर 2008

घर मेरा मेरी जियारत

२००९ की ढेरों शुभ-कामनाएं

नव वर्ष मंगलमय हो, सबके दुखों का क्षय हो
प्रभू चरण में वंदन है, सबका जीवन सुखमय हो

इस साल की अन्तिम रचना है यह, आप सब का आभार है जो मुझे प्रोत्साहित करते रहते हैं.


प्यार से कैसी शिकायत
प्यार तो रब की अमानत

हम भी तेरे दिल में रहते
वक़्त की होती इनायत

चूमते क़दमों को तेरे
आप की होती इजाज़त

ताज है जिनके सरों पर
लोग करते हैं इबादत

धूप या सर्दी का मौसम
बेघरों पर है क़यामत

काट कर पीपल घरों का
धूप से क्यों है शिकायत

देश की सीमायें अक्सर
खून से लिक्खी इबारत

जंग का ऐलान है यह
आग से जलती इमारत

मार खाते, लौट आते
है यही कुत्तों की आदत

बारिशों ने फूल धोये
खुशबुओं ने की बगावत

हाथ में जिनके छुरा था
मिल गयी उनको ज़मानत

आस्था या सत्य है यह
आब-ऐ-गंगा में नज़ाफत

लौट कर कब जाउंगा मैं
घर मेरा मेरी जियारत

(नज़ाफत - शुद्धता, स्वछता, जियारत-तीर्थ यात्रा, धर्म स्थल पर जाना)

21 टिप्‍पणियां:

  1. लौट कर कब जाउंगा मैं
    घर मेरा मेरी जियारत

    बहुत सुन्दर रचना। आपको और आपके परिवार को नये साल की घणी रामराम।

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  2. हाथ में जिनके छुरा था
    मिल गयी उनको ज़मानत

    भाई वाह। कहते हैं कि-

    पैसा अगर हो पास, कोई दिक्कत नहीं बड़ी।
    कातिल भी बाद कत्ल के, हो जाते हैं बरी।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
    कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  3. नये साल की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ

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  4. सबसे पहले तो आप और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.
    बहोत ही खुबसूरत ....

    ढेरो बधाई आपको...
    अर्श

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  5. धूप या सर्दी का मौसम
    बेघरों पर है क़यामत
    काट कर पीपल घरों का
    धूप से क्यों है शिकायत
    लौट कर कब जाउंगा मैं
    घर मेरा मेरी जियारत
    क्या बात है भाई...वाह...नए साल में भी ऐसी शानदार ग़ज़लें पढने को मिलें ये ही कामना है.
    नव वर्ष की शुभ कामनाएं
    नीरज

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  6. आपको, आपके परिजनों और आपके मित्रों और परिचितों को भी नव वर्ष की शुभकामनाएं. ईश्वर आपको सुख-समृद्धि दे!

    अनुराग.

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  7. नव वर्ष २००९ आपको मंगलमय हो आपका साहित्य सृजन खूब पल्लिवित हो
    शुभ कामनाएं
    प्रदीप मनोरिया
    09425132060

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  8. आपकी ग़ज़ल कमाल कर गई।

    नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं।

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  9. नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं।

    नव वर्ष मंगलमय हो, सबके दुखों का क्षय हो
    प्रभू चरण में वंदन है, सबका जीवन सुखमय हो

    आप की नव वर्ष की प्रार्थना सब के सुखी जीवन की , बहुत सुंदर रचना !
    शुभ कामनाएं .
    धन्यवाद
    देवेश .

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  10. प्यार से कैसी शिकायत
    प्यार तो रब की अमानत

    wah...! agar sabhi pyar ki bhasha bolne lag jayen to gum aaye hi kyo....?

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  11. बारिशों ने फूल धोये
    खुशबुओं ने की बगावत
    -प्यार से कैसी शिकायत
    प्यार तो रब की अमानत
    बहुत ही सुंदर ग़ज़ल..बहुत ही अच्छे भाव हैं.
    आने वाला साल सभी के लिए मंगलमय हो--
    -नए साल की ढेर सारी शुभकामनायें!

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  12. नव वर्ष मंगलमय हो, सबके दुखों का क्षय हो
    प्रभू चरण में वंदन है, सबका जीवन सुखमय हो !!

    आप की नव वर्ष की प्रार्थना ईश्वर स्वीकार करें ताकि सम्पूर्ण जगत सुखी हो......बहुत बहुत सुंदर रचना/प्रार्थना !

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  13. सुंदर
    Pradeep Manoria
    http://manoria.blogspot.com
    http://kundkundkahan.blogspot.com

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  14. बहु खूब सुन्दर रचना
    बहुत बहत आभार

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  15. सुन्दर...धूप या सर्दी का मौसम
    बेघरों पर है क़यामत

    काट कर पीपल घरों का
    धूप से क्यों है शिकायत

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  16. आपने लिखा....हमने पढ़ा
    और लोग भी पढ़ें;
    इसलिए कल 17/06/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
    धन्यवाद!

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  17. हर पंक्ति संदेशपूर्ण. बहुत अच्छा लिखा है.

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आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है