स्वप्न मेरे: ख्वाब मेरे

सोमवार, 29 सितंबर 2008

ख्वाब मेरे

वक़्त के दामन में कितने
ख्वाब बिखरे हैं मेरे
साँस लेते हैं वो लम्हे
तोड़ न देना उन्हें

दूर तक आएंगे मेरी
याद के तारे नज़र
जब चलो तुम आसमां पर
देख तो लेना उन्हें

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